राजस्थान सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अनाथ बच्चों के लिए Rajasthan Palanhar Yojana की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार अनाथ बच्चों को प्रतिमाह वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे वे अपने भरण-पोषण में सक्षम हो सकें। इसके अतिरिक्त, बच्चों को कपड़े, जूते, और स्वेटर जैसे आवश्यक वस्त्रों के लिए भी साल भर में अलग से वित्तीय सहायता दी जाती है।
यह योजना अनाथ बच्चों के लिए एक सराहनीय प्रयास है। आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि राजस्थान पालनहार योजना क्या है, इसके लाभ क्या हैं, और आवेदन कैसे किया जा सकता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ
योजना के मुख्य विशेषताएँ
योजना का नाम | राजस्थान पालनहार योजना |
---|---|
शुरुआत किसने की? | राजस्थान सरकार |
राज्य | राजस्थान |
लाभार्थी | अनाथ बच्चे |
लाभ | वित्तीय सहायता |
आधिकारिक वेबसाइट | sje.rajasthan.gov.in |
राजस्थान पालनहार योजना क्या है?
राजस्थान पालनहार योजना, अनाथ बच्चों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई है। इस योजना के तहत, अनाथ बच्चों को उनके नजदीकी रिश्तेदार या परिचितों को पालनहार बनाकर हर महीने 1500 से 2500 रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, बच्चों के लिए स्टेशनरी, कपड़े, जूते आदि के लिए सालाना 2000 रुपये अतिरिक्त दिए जाते हैं। इस योजना को हर साल नवीनीकरण किया जाता है।
आर्थिक सहायता का विवरण
अनाथ श्रेणी के लिए
- जन्म से 6 वर्ष की आयु तक: 1500 रुपये प्रतिमाह
- 6 से 18 वर्ष की उम्र तक: 2500 रुपये प्रतिमाह
अन्य श्रेणी के लिए
- जन्म से 6 वर्ष की आयु तक: 500 रुपये प्रतिमाह
- 6 से 18 वर्ष की उम्र तक: 1000 रुपये प्रतिमाह
(इन बच्चों को 2 से 6 वर्ष की उम्र तक आंगनबाड़ी भेजना अनिवार्य है, और 6 से 18 वर्ष की उम्र तक स्कूल भेजना भी आवश्यक है।)
राजस्थान पालनहार योजना के उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य उन बच्चों की सहायता करना है, जिनके माता-पिता नहीं हैं। ऐसे बच्चे अक्सर आर्थिक कठिनाइयों का सामना करते हैं और स्कूल छोड़ने पर मजबूर होते हैं। राजस्थान सरकार इस योजना के माध्यम से अनाथ बच्चों को उनकी जरूरतों की पूर्ति के लिए हर महीने वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
राजस्थान पालनहार योजना 2024 के लाभ एवं विशेषताएँ
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालन: यह योजना राजस्थान सरकार द्वारा संचालित है।
- हर महीने वित्तीय सहायता: अनाथ बच्चों को हर महीने आर्थिक सहायता दी जाती है।
- आवश्यक वस्त्रों के लिए वित्तीय सहायता: कपड़े, जूते और स्वेटर खरीदने के लिए सालाना 2000 रुपये दिए जाते हैं।
- आत्मनिर्भरता: योजना का उद्देश्य बच्चों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है।
योग्यता
राजस्थान पालनहार योजना के तहत आवेदन करने वाले बच्चों के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड हैं:
- बच्चे राजस्थान के स्थायी निवासी होने चाहिए।
- जिन बच्चों के माता-पिता की मृत्यु हो चुकी हो।
- न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दंड या आजीवन कारावास की सजा प्राप्त माता-पिता के बच्चे।
- अन्य विशेष श्रेणियों जैसे विकलांगता या बीमारी के मामले में भी आवेदन कर सकते हैं।
पालनहार के लिए पात्रता योग्यता
- केवल राजस्थान के निवासी आवेदन कर सकते हैं।
- आवेदन करने वाले की वार्षिक आय 120000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- पालनहार को सुनिश्चित करना होगा कि बच्चे आंगनबाड़ी या स्कूल में नामांकित हैं।
आवश्यक दस्तावेज
- निवास प्रमाण पत्र
- माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र
- स्कूल में अध्ययनरत होने का प्रमाण पत्र
- अन्य संबंधित दस्तावेज
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- SJMS पोर्टल पर क्लिक करें और रजिस्ट्रेशन करें।
- लॉगिन करें और पालनहार योजना के आइकन पर क्लिक करें।
- आवश्यक जानकारियाँ भरें और सबमिट करें।
- बच्चे का आधार वेरिफाई करें और सभी जानकारियाँ सबमिट करें।
ऑफलाइन आवेदन कैसे करें
- आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें।
- सभी आवश्यक जानकारियाँ भरें और दस्तावेज संलग्न करें।
- फॉर्म को जिलाधिकारी या संबंधित विकास अधिकारी के पास जमा करें।
FAQ
राजस्थान पालनहार योजना का उद्देश्य क्या है?
यह योजना अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए है।
क्या कोई भी बच्चा इस योजना का लाभ उठा सकता है?
केवल अनाथ और असमर्थ माता-पिता वाले बच्चे ही इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
आवेदन करने के लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं?
आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, और माता-पिता के मृत्यु प्रमाणपत्र आवश्यक हैं।
इस योजना में आर्थिक सहायता की राशि क्या है?
राशि सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है और यह हर महीने मिलती है।
क्या आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है?
हाँ, आवेदन दोनों तरीकों से किया जा सकता है।
क्या इस योजना का लाभ अन्य श्रेणी के बच्चों को भी मिलता है?
हाँ, मानसिक या शारीरिक रूप से असमर्थ माता-पिता वाले बच्चों को भी सहायता मिलती है।