Bima Sakhi Yojana ग्रामीण भारत में महिलाओं को सशक्त बनाना

Bima Sakhi Yojana एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में बीमा एजेंट बनने के अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है। यह योजना महिलाओं को वित्तीय साक्षरता और रोजगार के अवसरों के माध्यम से सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करती है। इस लेख में, हम Bima Sakhi Yojana की पात्रता मानदंडों का विवरण देंगे।

Bima Sakhi Yojana

बिमा सखी योजना की योग्यता

  1. आयु सीमा:
    आवेदन करने के लिए आवेदक की आयु 18 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए। हालांकि, इस योजना में अधिकतम प्रभाव के लिए 18 से 50 वर्ष की आयु को प्राथमिकता दी जाती है।
  2. शैक्षिक योग्यता:
    आवेदक को कम से कम 10वीं कक्षा (माध्यमिक विद्यालय) पास होना चाहिए। यह शैक्षिक योग्यता उम्मीदवार को बीमा एजेंट के प्रशिक्षण और जिम्मेदारियों को ठीक से निभाने के लिए आवश्यक आधार प्रदान करती है।
  3. लिंग:
    यह योजना महिलाओं के लिए विशेष रूप से है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं, जहाँ रोजगार और वित्तीय अवसर सीमित होते हैं।
  4. ग्रामीण महिलाओं को प्राथमिकता:
    बिमा सखी योजना में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य उन क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाना है, जहाँ रोजगार और वित्तीय साक्षरता की कमी है।
  5. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग:
    आर्थिक रूप से कमजोर या हाशिए पर रहने वाली महिलाओं को प्राथमिकता दी जा सकती है, ताकि इस योजना का लाभ उन लोगों तक पहुँच सके जिन्हें सबसे ज्यादा आवश्यकता है।

यह पात्रता मानदंड महिलाओं को बिमा सखी बनने के लिए आवेदन करने का अवसर प्रदान करते हैं, जहां उन्हें बीमा एजेंट बनने के लिए प्रशिक्षण मिलेगा और वे कमिशन व भत्तों के रूप में आय कमा सकेंगी, साथ ही वित्तीय समावेशन में योगदान कर सकेंगी।

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LIC Bima Sakhi Yojana पात्रता

  • आयु सीमा:
    आवेदन करने के लिए आवेदक की आयु 18 से 70 वर्ष होनी चाहिए, लेकिन सर्वोत्तम सेवा और प्रभाव के लिए 18 से 50 वर्ष की आयु का चयन किया जाता है।
  • शैक्षिक योग्यता:
    आवेदक को कम से कम 10वीं कक्षा पास (माध्यमिक विद्यालय) होना चाहिए ताकि वे बीमा एजेंट के प्रशिक्षण और जिम्मेदारियों को प्रभावी रूप से निभा सकें।
  • महिलाओं के लिए विशेष योजना:
    यह योजना विशेष रूप से महिलाओं के लिए है, और इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाना है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को प्राथमिकता:
    योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सशक्त बनाना है, ताकि उन्हें रोजगार और बीमा साक्षरता के बारे में जागरूक किया जा सके।
  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग:
    इस योजना में आर्थिक रूप से कमजोर और हाशिए पर रहने वाली महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है।

Bima Sakhi Yojana के तहत मिलने वाला भत्ता

बिमा सखी योजना में महिला उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के दौरान और प्रारंभिक वर्षों में भत्ता प्रदान किया जाता है, ताकि वे इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकें।

  • पहला वर्ष: ₹7,000 प्रति माह
  • दूसरा वर्ष: ₹6,000 प्रति माह (यह शर्त पर निर्भर है कि पहले वर्ष में कम से कम 65% पॉलिसी चालू रहें)
  • तीसरा वर्ष: ₹5,000 प्रति माह (यह शर्त पर निर्भर है कि दूसरे वर्ष में कम से कम 65% पॉलिसी चालू रहें)

यह भत्ता प्रशिक्षण और बीमा एजेंट के रूप में शुरुआत करने के दौरान वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

Bima Sakhi Yojana के लिए आवश्यक दस्तावेज

बिमा सखी योजना के लिए आवेदन करने हेतु निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:

  1. आधार कार्ड
  2. आयु प्रमाण पत्र (जन्म प्रमाणपत्र या अन्य वैध दस्तावेज)
  3. निवास प्रमाण पत्र
  4. पैन कार्ड
  5. शैक्षिक प्रमाण पत्र (10वीं पास)
  6. पासपोर्ट साइज फोटो
  7. मोबाइल नंबर

नोट: मौजूदा LIC एजेंटों या कर्मचारियों के रिश्तेदार (पति/पत्नी, बच्चे, माता-पिता, भाई-बहन, और ससुराल के रिश्तेदार) इस योजना के तहत आवेदन नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा, सेवानिवृत्त कर्मचारियों या पूर्व एजेंटों को भी इस योजना के तहत पुनः आवेदन करने की अनुमति नहीं है।

LIC बिमा सखी योजना 2025

बिमा सखी योजना महिलाओं के लिए एक शानदार अवसर प्रदान करती है, ताकि वे LIC एजेंट बन सकें और ग्रामीण भारत में बीमा जागरूकता और वित्तीय समावेशन में योगदान कर सकें।

  • न्यूनतम शैक्षिक योग्यता: 10वीं कक्षा पास होना चाहिए।
  • आयु सीमा: 18 से 70 वर्ष के बीच।
  • आवश्यक दस्तावेज़: आयु प्रमाण, शैक्षिक प्रमाणपत्र, निवास प्रमाण, और अन्य संबंधित दस्तावेज़।
  • ग्रामीण महिलाओं को प्राथमिकता: विशेष ध्यान ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को दिया जाता है।

बिमा सखी बनकर महिलाएं न केवल आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करती हैं, बल्कि वे ग्रामीण भारत में बीमा साक्षरता को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

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